ग़ज़ल

सामना गर्दिशों का जरा तो करो,अपने रब से ख़ुदारा दुआ तो करो। अब उतारो भी चोला जरा झूठ का,बात सच हो अगर सामना तो करो। बाग़ की जो है रौनक … Read More

ग़ज़ल

यह जान लो दुनिया में हो मेहमान हमेशा,मालिक का रखो याद यह एहसान हमेशा। एक वक्त मुसीबत में है माना यह चलो हम,रखना है मगर होठों पर मुस्कान हमेशा। मैं … Read More

गाँव का नाम

उसके दिल नेउड़ान भरने की जबकोशिश ही की थीकि तमाम हौसलों कोजबरदस्त टक्करदेने को तैयार हो गईंसंस्कार की बैठकेंऔरसमाज की इज्जत। ऐसा कभी नहीं हुआकि चौपालेंघर की चोखट का मुँह … Read More

ग़ज़ल

आप के रहमों-करम से डर गया है आदमी,घर से निकला अभी किस दर गया है आदमी। शांत था तालाब यह आदत उसकी थी जनाब,फेंक कर कंकर ये हलचल कर गया … Read More