ओ री पवन

ऋतुराज की अंगड़ाई सेहर पत्ता छलनी हुआजो अहम में खड़ेजड़ से उखाड़फेंकने के अलावाकोई चारा जो नहीं रहाफसलों की झूमतीबहार पर कहरबनकर टूटे होजानों तो कितनाकर आये नुकसान होइस तरह … Read More

मन मन महके

साजो-सामानचीख पुकारकितनी रौनकहै कोई तीज-त्यौहार?हरियाली मेंघुसती रेलभर दी मांग यही दरकार।पीली रोशनीआभास करातीहोटल में बैठा दिलदार।डूब ही जायेंमन करता हैरसभीनी ध्वनी लच्छेदार।उबड़-खाबड़ पथजीवन केरास्ते में हिचकोले खातीगूंजे पायल की झंकार।लम्बे … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,1212,22 लुत्फ़ देते हैँ प्यार के किस्से,क्यों छुपायें क़रार के किस्से। जो मिला है नसीब में वो था,दर्द देते हैँ हार के किस्से। आरजू है यही ज़माने में,ज़ीस्त में हों … Read More

ग़ज़ल

बहर 2122,2122,212 आज उनसे यक-ब-यक मिलना हुआ,ख्वाब बरसों का जो था सच्चा हुआ। जो भी किस्मत को यहाँ पर मानते,रास्ता उनको मिले जलता हुआ। आज बदबूदार उस बस्ती में भी,एक … Read More

ग़ज़ल

बिन तुम्हारे जहाँ भी जाती हूँ,साथ मुश्किल तमाम पाती हूँ। बर्फ पर्वत से अब नही आता,दर्द नदिया का सब सुनाती हूँ। आज जंगल उदास हैँ सारे,उसकी बर्बादियाँ बताती हूँ। नाव … Read More

ग़ज़ल

बहर221,2121,1221,212 सम्मान के संग हमको मिटाने का शुक्रिया,वादा वफ़ा का यार भुलाने का शुक्रिया। पुरख़ार रास्तों ने बड़े ज़ख़्म दिए हैं,राहों में मेरी ख़ार बिछाने का शुक्रिया। रहकर भी हमसे … Read More

ग़ज़ल

सामना गर्दिशों का जरा तो करो,अपने रब से ख़ुदारा दुआ तो करो। अब उतारो भी चोला जरा झूठ का,बात सच हो अगर सामना तो करो। बाग़ की जो है रौनक … Read More

ग़ज़ल

मेरी घर में कोई अनबन नहीं है,मगर खुशियों भरा जीवन नहीं है। परिंदे लौट कर आते हैं घर को,जरा रुक सांझ घर साजन नहीं है। ख़िज़ा का वो असर दिल … Read More