ग़ज़ल

तुमने दिल के हर सफ़े को नाम ऐसा दे दिया,तू ही किस्मत तू ही जां पैगाम ऐसा दे दिया। जो भी चाहो नाम हमको आप दे देना जनाब,हमने ख़ुद ही … Read More

ग़ज़ल

हम उनसे अनजाने हैजिनके पास ख़ज़ाने हैं। उम्र फिसलती जाती है,सब किस्से बिसराने हैं। निभा चलों सच्चे दिल से,जितने फर्ज निभाने हैं। कान्हा जी मिलने आए,दूर बहुत बरसाने हैं। करते … Read More

ग़ज़ल

मोह के जालों मैं खुद को क्यों भला उलझाये हम,हक किसी का मारकर कहिए भला क्यों खायें हम। आस में बैठी है वह बूढ़ी कि बेटा आएगा,उसकी आँखों को ज़रा-सी … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,1212,22 राह कैसी हो वक़्त चलता है,वक़्त इन्सान को बदलता है। आदमी है तो वक़्त से डरकर,अपना ईमाँ नहीं बदलता है। माना कमजोर थे कभी हम भी,अब मिरा ख़ून भी … Read More

ग़ज़ल

जुबां से भले कुछ सुनाता नहीं,मगर आइना कुछ छुपाता नहीं। मैं कैसे नदी की हिफाज़त करूँसमंदर भी तो पास आता नहीं। है धन भी बहुत और मन भी बहुतमगर दिल … Read More

ग़ज़ल

2122 12 12 22 खेल रब के बड़े निराले हैंदिल भी इन्सान के शिवाले हैं। जब हंसी वादियाँ नहीं भाईंहमने वीरान घर सम्हाले हैं। जबभी मौसम ने ली है अंगड़ाईफूल … Read More

ग़ज़ल

2122 12 12 22 जाने क्यों दिल डरा सा रहता है,दर्दो -ग़म में बुझा सा रहता है। कम नही हो रही है दहशत भी,दिल भी सहमा हुआ सा रहता है। … Read More

ग़ज़ल

2122 12 12 22 जाने क्यों दिल डरा सा रहता है,दर्दो -ग़म में बुझा सा रहता है। कम नही हो रही है दहशत भी,दिल भी सहमा हुआ सा रहता है। … Read More

ग़ज़ल

रश्मों -रिवाज जग के निभाने में रह गई,दर्दो-ग़मों से ख़ुद को बचाने में रह गई। वो चाँद बादलों में छुपा है मिरा कहीं,शर्मो -हया में उसको बुलाने में रह गई। … Read More