हम उनसे अनजाने हैजिनके पास ख़ज़ाने हैं। उम्र फिसलती जाती है,सब किस्से बिसराने हैं। निभा चलों सच्चे दिल से,जितने फर्ज निभाने हैं। कान्हा जी मिलने आए,दूर बहुत बरसाने हैं। करते … Read More
मोह के जालों मैं खुद को क्यों भला उलझाये हम,हक किसी का मारकर कहिए भला क्यों खायें हम। आस में बैठी है वह बूढ़ी कि बेटा आएगा,उसकी आँखों को ज़रा-सी … Read More
बहर2122,1212,22 राह कैसी हो वक़्त चलता है,वक़्त इन्सान को बदलता है। आदमी है तो वक़्त से डरकर,अपना ईमाँ नहीं बदलता है। माना कमजोर थे कभी हम भी,अब मिरा ख़ून भी … Read More
जुबां से भले कुछ सुनाता नहीं,मगर आइना कुछ छुपाता नहीं। मैं कैसे नदी की हिफाज़त करूँसमंदर भी तो पास आता नहीं। है धन भी बहुत और मन भी बहुतमगर दिल … Read More
2122 12 12 22 खेल रब के बड़े निराले हैंदिल भी इन्सान के शिवाले हैं। जब हंसी वादियाँ नहीं भाईंहमने वीरान घर सम्हाले हैं। जबभी मौसम ने ली है अंगड़ाईफूल … Read More
रश्मों -रिवाज जग के निभाने में रह गई,दर्दो-ग़मों से ख़ुद को बचाने में रह गई। वो चाँद बादलों में छुपा है मिरा कहीं,शर्मो -हया में उसको बुलाने में रह गई। … Read More