बाजार

एक गाँव का बाजारसभी तरह का सामानशाम की हवा में उठी बाजार कीचीख पुकार सी चहचहाहटदुकानदारों ने अपनेउत्पादों को पेश करने की जद्दोजहदयहाँ पर सभी कुछ नयाकुछ अनोखा खरीदने आयाकोई … Read More

श्रृद्धांजलि

बादलों के माध्यम सेप्रकाश की किरणकी तरह उठता,श्रद्धांजलि शब्दशब्द ही नहीं यहआशा का प्रतीक,शक्ति का प्रतीक,यह हमारे पास मौजूदसाहस की याद दिलाती हैयह विश्वास की निशानी तोवहीं प्यार की याद … Read More

आह, सुंदर मौसम!

आह, सुंदर मौसम!सुहानी हवा,यह एक सपने केसच होने जैसा हैआकाश को गुलाबी औरनारंगी रंग केरंगों से रंगा गया हैऔर पृष्ठभूमि में पक्षी गा रहे हैंहवा कोमल और प्यारी हैयह त्वचा … Read More

मैं और तुम

दिल के जज़्बातज़िन्दगी पर भारी पड़ते रहेकितनी सम्भावनाएँपल्लवित होकरअमर बेल की मानिंदख्वाबों का सहारा लेकरबढ़ चली है बेझिझकलांघती हुईअपनी ही खींचीलकीर से भी आगेनिकल जाने कीकोशिश कर रही हैंइस ख्याल … Read More

ऐ ज़िन्दगी

आँख मिचोलीकभी आँसू तोकभी उदासी पलीइक पल रौनकदूसरे पलबदली कालीआई ऐसी घड़ीइम्तहान लेनेपीछे पड़ीपिघल रहाधैर्य का हिमशिखरनीति क्यों हो रहीस्वच्छंदकिसी के बांधेनहीं बँध रहाजीवन तंत्रसाथ देने कोहट जातेसारे विकल्पयूं ही … Read More

निराली

पहले अलसाई, फिर चहकीढलने लगी पहर-पहरछाई अँखियों की लालीउतरी साँझ बहकी-बहकीपनघट पर चली गोरीपलकों में लाज भरीधीमे-धीमे ढूंढ रहीकहाँ है सजना सखी !कल-कल झरता है झरनाबात प्रीत की करनाप्यार के … Read More

ग़ज़ल

मेरे सांवरे की निशानी न पूछो,मधुर बांसुरी की रवानी न पूछो ये बाँधी है सीमाएँ इक दिन हमी ने,मेरी चाहतों की कहानी न पूछो। मैं आराधना सृष्टिकर्ता की करती,इबादत की … Read More

क्यों

बहारें खुशबू मेंयह कैसीमहक भरीसब परजादू की यहकैसी छड़ी चलीआँखों में बसने लगेप्यार के कस्बेअनजाने मेंछोड़ गयाकोई प्रीति के किस्सेडगर- डगरयूँ मचलताक्यों भटक रहा मनहर जगहलगने लगे हैंप्यार के मेलेबिना प्यार … Read More

ग़ज़ल

बहर 221,1221,1221,122 अरमान छुपे दिल में हैं हम जान गए हैं,ग़हरे हो समन्दर की तरह मान गए हैं। पिंजरा जो खुला पंछी उड़ा उड़ता ही गया,इन्सान भी ऐसे ही परेशान … Read More