हे पर्वत
बर्फ से ढ़ंकी चोटियाँ,हरी-भरी वादियाँऔर ताज़ी हवाशक्तिशाली नदियाँजिनके ऊपर भावनाओं कीलहर दौड़ रही हैसफेद चोटियों परप्रकाश का नृत्यसुनहरी किरणों का संगमपक्षियों के चहचहाने सेगुंजते मधुर गीतचारों ओर फ्रर वालेघूमते जानवरमानो … Read More
समुद्र की गहराई में,नीले रंग का समुद्र है,पानी का विशाल विस्तारइसका सच है।सूरज की किरणें चमक रहीऔर लहरों में नाचती हैं,जैसे गहरा नीला समुद्रहमेशा के लिए सुर्य कीनजरों का काजल … Read More
पक्षी ने मुझे आश्चर्य के साथ देखाखुद को ऊपर उड़ते हुएमुझे आशीर्वाद देने लगा। गुरुर्ब्रह्मा ने पक्षी कोआत्मा के रूप में दर्शित कियाअपने प्रकाश और आनंद के साथहमेशा उनकी मदद … Read More
मिले साथी तोहोगी प्रितआरती उतारेगाते हैं गीत।मंगल तिलक कीहोती रीत,दीप ज्योतिसाधना प्रित।स्वप्न उतरेआँगन बीच,हाथों में हाथजीवन संगीत। मन पुलकितभरते नयन रीतसुनहरे सपनेचलते जाते।मेरे दिल मेंतुम हो आते।बसंत में हीपत्ते झरते,जीवन … Read More
लखनऊ में रिक्शा कर जब निकलें तो मन वैसे ही कसैला हो गया, हरि,उषा को बिठाये, एक मरियल आदमी रिक्शा खिंच रहा है। पता नहीं रिक्शे को चालक की सूखी … Read More