कैसे क्यों

बात से बात निकलीतो दूर तक गईदबे छुपी साजिशों कीपेबन्द खुल गईआज की रातसर्द तुफानीजख्मों को ठंडी हवाछील गईकैसे रुसवा किया हैअपनों ने हमेंविश्वास अपनों परकरने की रुत गईन जाने … Read More

साथ हो

तुम से बिछड़ेवर्षो में गीनती तोकई बरस बित गयेलेकिन इसपगले दिल नेकभी स्वीकार हीनहीं कियापल-पल के अहसासने मौजूदगीदर्ज कराई हैबात बात परबात कर लेनेकी आदत कहाँभूलाई हैतुम्हारी सहमतिपर ही तोजीवन … Read More

समझ के दायरे

जीवन के रहस्य कासत्य खोजने के लिएएक प्रकाश पुंज है,हमें सही रास्तादिखाने वालासच्ची बुद्धि ने सिखाया की कैसेदयालु और बुद्धिमानविनम्र और नम्र बनेंह्रदय रुपी सच्चा संतआस्था और सत्य कीनिःस्वार्थ सेवा … Read More

ग़ज़ल

प्यार भी हमको रूहानी चाहिए,अब ज़रा कीमत बढ़ानी चाहिए। खोलकर बैठे पिटारा याद का,उसमें कुछ यादें पुरानी चाहिए। हुस्न की बगिया महकती हो जहाँइक कली चुप से उठानी चाहिए। सुरमई … Read More

ग़ज़ल

ख्वाब तोड़कर जाने वाला,अच्छा नहीं रुलाने वाला। मैं रूठूँ या मानूं अब तो,कौई नहीं मनाने वाला। दिल पागल को इस जग में,कोई नहीं समझाने वाला। चाँद का पीछा करते तारे,हाथ … Read More

ग़ज़ल

ज़िन्दगी में अजब बवाल आया,अपने ज़ख्मों का जब खयाल आया। सिलसिला खत्म जब ख़तों का हुआ,अश्क़ से तरबतर रुमाल आया। हद हुई इंतज़ार की अब तो,तेरी चाहत पे भी मलाल … Read More

ग़ज़ल

आदमी जिस तरफ चला होगा,एक बस्ती का रास्ता होगा। जिसको चाहा कभी था शिद्दत से,दिल में नफ़रत वो पालता होगा। इन दिनों बात वो नहीं करता,किन ख्यालों में खो गया … Read More

ग़ज़ल

इश्क़ क्या-क्या आफतें लाता रहा,मुझसे मेरा मैं ही टकराता रहा। मुझको बैसाखी नहीं अब चाहिए,हौसले पर मेरे सहलाता रहा। मैं चलूँ तुम भी चलो उस राह पर,जो शिखर को रास्ता … Read More