Aese hai ham ऐसे है हम
ऐसे है हम
आप महान
हम तो
जंगल बियाबान
हमें न अपनेपन
की कसौटी
और न ही दंभ
का एहसास
हम तो हैं
निर्मल निर्झर
करते वनों से प्यार
हमारा अपना है
संगीसाथी
इन पेड़ पौधों का
मोहताज
इनके बिन
हम नहीं
बस मन में पाले
ऐसे ही संस्कार
जिनमें है
देने का उपकार
कर दो
सब को दान
कर लो
जीवन का समाधान
यही तो है
सच्ची भूमिका
वजूद से प्यार
रुपहला मेरा देश
स्नेह की रसधार
उस पर
तुम्हारा सान्निध्य
है न कमाल
का अतरंगी।
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