रोज कहानी

रोज-रोज के झगड़े सेहम तो आ गए तंग भाईकभी किसी से कभी किसी सेबात हमारी न बन पाईरात दिन हम एक करतेदिल लगा कर खूब पढ़तेफिर भी रहते सबसे पीछेहम … Read More

रुठे बन्दर जी

रूठे क्यों हो बंदर जीसूजे क्यों हो बंदर जीदंगे फसाद में क्यापिटाई हुई जीमुँह फूला तरबूज जैसाहाथ पांव हुए लौकीयह क्या हालत बना ली अपनीबोलो कालू बंदर जीराजनीति में खड़े … Read More

न्यारी दीदी

देखो आई प्यारी दीदीउछल कूद में सबसे आगेकरते उनकी सभी बढ़ाईकुछ ऐसे वह हमको पढायेजैसे हमारी संगी साथी। चित्रकला भी खूब सिखायेपी टी से हमें चुस्त करायेपौधों का हमें महत्व … Read More

महान

पर्वत श्वेतांबर ओढ़े अंगनाधारा हरी भरी हो झरनाकल-कल करती गोरी गंगाउत्तरकाशी बहती यमुना। कण-कण जय जय कार हैकसार देवी महिमा अपार हैगोल्जू की मन्नत महान बैजनाथ में अपनी बाहर है। … Read More