बहर
2122,1212,22
तेरी दुनिया में ये क्या-क्या देखा,
या ख़ुदा यार बेवफ़ा देखा।
वक्त की ठोकरें लगीं ऐसी,
माँ की थपकी में हौसला देखा।
जिनके हाथों छले गए थे हम,
झूठ हर रोज़ इक नया देखा।
अपनी दुनिया में खुश है हर कोई,
हाल सबने मिरा बुरा देखा।
मेरे माथे पे है शिकन गहरी,
मैंने जब कोई हादसा देखा।
©A
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