ग़ज़ल

बहर
221,1222,221,1222

रोशन जहान जगमग चमकाए हुए रखना,
होठों पे तबस्सुम महकाए हुए रखना।

खुशियाँ बटोर लो तुम मिल जाएँ गर कहीं भी,
दामन में सितारों को लटकाए हुए रखना।

ऊँचे रखो हमेशा तुम महल हौसलों के,
जज्बात बंदिशों में उलझाए हुए रखना।

मंज़िल है दूर तेरी चलना सँभल- सँभलकर,
पनघट पे अब कदम तुम सकुचाए हुए रखना।

बचपन के खिलौनों से भर लिया दिल का दामन,
बालक वो है जो अंदर बहलाए हुए रखना।

ऊंची उड़ान भरने लगी और बोली वह तो,
हर दम ही हौसलों को चमकाए हुए रखना।

बन जाये गर बात तो बन जाने दिये रहना,
मत पथ से उन्हें कभी भी भटकाए हुए रखना।

©A

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