तितली आई
रंग बिरंगी तितली आई
सबके मन को भाई
रंग बिरंगी फूलों पर
धूम मचाने आई ।
दूर देश से उड़कर आई
पराग पान करने भाई
कत्थक की सुंदरी थिरके
कुछ ऐसे ही इठलाई।
रानीखेत रानी को भाई
स्पाइस गार्डन घूम आई
तेज मसालों की गंध ने
वापस लौट फिर आई
खुशबू सुघती तीतली आई
सुरभि वाटिका तलाश लाई
एक सौ पचास प्रजातियाँ
पंख बिछाकर छू आई।
डगर नगर घूम भरपाई
चीनू मीनू के घर आई
लालकुआँ में बैठ निगोडी
बच्चों के मन को हर्षाई।
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