ग़ज़ल
जब मोहब्बत में वफ़ा होती है,
इसमें रब की ही रज़ा होती है।
देखना है कि हुआ क्या आखिर,
मुँह चिड़ाना क्या अदा होती है।
राह में कितने ही तूफाँ आयें,
नाव साहिल पर कज़ा होती है।
दिल ना तोड़ो किसी का दुनिया में,
टूटे दिल में भी सदा होती है।
हर कहानी का है मिजाज अपना
हर कहानी में अना होती है।
राह की ठोकरो से बचना है,
सबकी आंखों में जिया होती है।
बात चाहे करो या चुप रहिये
खामोशी भी तो दवा होती है।
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