ग़ज़ल

दुख के पीछे सुख का आना होगा ही,
अपने दिल को यह समझना होगा ही।

तूफ़ाँ को आना है वो तो आएगा
हमको अपनी जान बचाना होगा ही।

तन्हा जीना भी क्या कोई जीना है ,
साथ किसी के सफ़र सुहाना होगा ही।

राम करे तेरी शोहरत के चर्चे हों,
नाम मेरे को संग में आना होगा ही।

चढ़ो बुलंदी पर हमको संग ले लेना,
साथ तुम्हारे और ज़माना होगा ही।

मेरे अपने हो तो वादा आज करो
दुख में तुमको साथ निभाना होगा ही।

©A

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *