Samajh kar Samajh समझ कर समझ

एक दिन अक्षय अपने पापा के पक्ष में बोलेगा, गलतियाँ गिनायेगा, उस में धैर्य की कमी बताएगा, उसके पापा को समझ न पाने की कमी है उसमें, उसी का नतीजा … Read More

Kuchh to huaa कुछ तो हुआ

अपने बनकरही मिलेसच कापता नहींकिंतु पहलू मेंतेरी एकसुनहरी शामहरपल पुलकितकरतीमन में कोईबंधन नहींकिंतु कुछगुनता, बुनतानई दुनियामहसूस हुईअदभूत रोमांचकल्पना से परेऐसा कभीहुआ भी नहींपहली बारतेरे नजदीकगुंजते भंवरोंका हो रहाचमत्कारअनोखीझनकारस्वपनिलसंसार ©A

Ap Khush to bhut hogi आप खुश तो बहुत होगी

बटालियन में काम करते कुछ ही वक्त हुआ था कि यहाँ के अनुशासन प्रिय माहौल में नए डीआईजी का आगमन हुआ, उन्हीं के सान्निध्य मैं काम करना है, हमेशा ऐसा … Read More

Badali hawa बदली हवा

बदली हवा देश की कैसीबदला देश का वेशनहीं बची आँखों में लज्जाशर्म हया का किंचित लेश….. मन के मन में मानव के नहीं अब किंचित प्यारबचे स्वार्थ के रिश्ते केवलअपनों … Read More

Pratimurti प्रतिमूर्ति

एक बूढ़ी अम्मा जर्जर शरीर लिए घर के सामने से गुजरते वक्त पैसे मांगने लगती, कभी बिना मांगे ही चली जाती है। बहुत दिनों से शकुन उन्हें देख रही है, … Read More

Yah pandrah din यह पन्द्रह दिन

एक जोरदार टक्कर और देवयानी सड़क पर, घुटने से बहते खून को देखकर घबरा गई, आसपास भीड़ जमा हो गई, थोड़ी देर में वह बेहोशी के आगोश में चली गई। … Read More