Yahan shahar kee यहाँ शहर की….

वह खेतों की मिट्टी सोंधी, हरियाली मनभावन,देख-देख जिसको मस्ती में झूम उठे यह मन।यहाँ शहर की धुंध-घुटन वह शीतलता यहाँ कहाँ…१अमराई में विकल गूँजती, कोयलिया मतवाली,ची-ची चिड़ियाँ जहाँ, फुदकती फिरती … Read More

Bhair भौर

इतनी सुंदर थी वह कि घर में सभी को उसके सुंदर होने पर गर्व होता था शिवानी नाम के अनुरूप अपने गुण में भी सर्वश्रेष्ठ आंकी जाती। दो बड़ी बहनों … Read More

सोचना ही शुरूआत है

जब भी मधु आती है बस एक ही सवाल…”कहाँ तक पहुँची अपने मिशन में” निलम मुस्कुरा भर देती है। उसके पूछने का अंदाज व्यंग्य का पुट लिए रहता, बहुत बुरा … Read More

आते रहना मन के द्वारे

हम निदियाँ तुम सपन हमारेआते रहना मन के द्वारे जब भी आते छल-छल जातेमेरे मन को क्यों बहकातेतपन प्रीत की और बढ़ातेफिर भी लगते हो तुम प्यारे आते रहना मन … Read More

तराशा हुनर

अपनी कच्ची उम्र की शादी को वह झूठला भी तो नहीं सकता था । उसके संस्कार माता-पिता के तिरस्कार के लिए तैयार नहीं, इसलिए वह विजया को अपने समकक्ष बनाना … Read More

अनुसरण तो करूं

मुझमें न वैसीदृढता है और न हीवैसा संकल्पन ही मेरे में कुछकर गुजरने की क्षमतालेकिन फिर भी मैंबुद्ध बननाचाह रही हूँउनके जैसे तपस्वीवैसी हीईश्वर की आराधनाइधर चाहत बहुतबढ़ रही हैंलेकिन … Read More

ग़ज़ल

रूठते हैं तो मना लो हमको,अब तो सीने से लगा लो हमको. कब से बोले मुंडेर पर कागा ,आज वादों से ना टालो हमको . हट गए राह के पत्थर … Read More