ग़ज़ल Gajal
दुख के पीछे सुख को आना होगा ही,
अपने दिल को यह समझाना होगा ही।
आँधी हो और राह में मेरा घरौंदा हो,
उन्हें यहाँ पर पाँव टिकाना होगा ही।
दौर-फरेबे कहर है और यह दुनिया है,
साथ किसी के सफर सुहाना होगा ही।
राम करे तेरी शोहरत के चर्चे हों,
नाम मेरे को संग में आना होगा ही।
चढ़ो बुलंदी पर हमको संग ले लेना,
साथ तुम्हारे और ज़माना होगा ही।
सुख में तो सारी दुनिया सँग चलती है,
दुख में तुमको साथ निभाना होगा ही।
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