Gajal ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्यार में ममता की सूरत तू संभल कर देख ले,
मां की छाया में ज़रा करवट बदल कर देख ले ।
जो किया, जैसा किया सब कुछ चुकाना है यहीं,
तू फरेबे ज़र की दुनिया से निकल कर देख ले।
है बुरी या ये भली तू ख़ुद समझ सब जायेगा,
प्यार की राहों में तू कुछ दूर चल कर देख ले ।
मुझ में है आदत बुरी तो छोड़ देंगा क्या मुझे,
आ मेरे नजदीक और खुद से बदल कर देख ले ।
रास्ता उसने ग़लत गर भूल से भी चुन लिया,
जब समझ आए तभी रस्ता बदल कर देख ले ।
उसकी ताकत का अभी अंदाज ही तुझको नहीं,
उसके अदने फैसले को तू बदल कर देख ले।
©A
Good,
धन्यवाद